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Showing posts from February, 2018

इश्क़

क्या कह गई किसी की ग़ज़ल कुछ न पुछिए, लफ़्ज़ों की सीढ़ियों से चढ़ता हुआ सा इश्क़!

इश्क़

इश्क़ की बात है दोस्तों तहजीब से कीजिए... महज फरवरी की दिल्लगी मोहब्बत नहीं होती!