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Showing posts from January, 2018

रौशन है ये बगिया

नजर से छुप नहीं सकता जहां रौशन हो किरणों का... ये दिल जीतने का आपका अंदाज़ अच्छा है, ये बगिया आपकी ही तो आवाज से खिलती है!🌷 Dedicated to Raushan Mishra

चांद

रात दुल्हन बनी बैठी थी और हम चादर लपेटे हुए, आसमां सितारों से सजी थी और चांद से लिपटे हुए !